हर साल 12 जनवरी को भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाया जाता है| स्वामी विवेकानंद हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा है | आज के इस खास दिन को युवा दिवस(Youth Day) के नाम से भी जाना जाता है |
अफसोस स्वामी विवेकानंद की जीवन गाथा बहुत छोटी है कम उम्र में ही वे इस दुनिया से विदा हो गया| दुनिया और देश को जितना फायदा उनके आचरण से मिल सकता था उतना नहीं मिल सका| स्वामी विवेकानंद ने कम उम्र में ऐसे महान काम किए, दुनिया में ज्ञान का प्रचार किया, और ऐसे कई काम किए जो हर भारतीय के लिए एक गर्व की बात है|
स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय( biography of swami vivekananda) :-
स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी1863 मे हुआ था | उनका पूरा नाम नरेंद्र नाथ दत्त था | वे बुद्धिमान है इसके बारे में लोगों को बचपन से ही पता चल गया था| बचपन से ही अपनी मां से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए उनकी मां धार्मिक विचारों की महिला थी| उन्हें अंग्रेजी स्कूल में शिक्षा ग्रहण की और इसके बाद 1884 में BAकी उपाधि हासिल की कुछ समय के लिए भी ब्रह्मा समाज के अनुयाई बन गए|| वे भजन कीर्तन यह सब करते रहते थे इसके बाद उन्हें समझ में आया की पुस्तक के कुछ श्लोक पढ़ना, कुछ रासमे निभाना ,कुछ गीत गाना यह सही मायने में भगवान को पाने का रास्ता नहीं है और इसके बाद वे परम सत्य परमेश्वर की तलाश में भटकने लगे हैं|
इसकी बात हुई स्वामी रामकृष्ण परमहंस से मिले| स्वामी रामकृष्ण परमहंस का उन पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा और और इस कारण विवेकानंद जी उनके भक्त बन गए| अपने गुरु परमहंस जी से इन्होंने परम सत्या और मोक्ष का ज्ञान प्राप्त किया है |परमहंस जी के परलोक सिधारने के बाद योग धारण कर लिए| तब से नरेंद्र स्वामी विवेकानंद के नाम से मशहूर हो गए|
स्वामी विवेकानंद कम उम्र में ही सांसारिक माया मोह छोड़कर सन्यासी बन गए थे| उन्होंने युवा को इंस्पायर करने के लिए ऐसे कई बातें बताई हैं| आज हम स्वामी विवेकानंद के महान विचार के बारे में बात करेंगे जो हर युवा को प्रेरणा देते हैं| उनको की बाते आपको आगे बढ़ने ,सफलता हासिल करने ,कभी ना रुकने ,लक्ष्य पर फोकस करने और और सारी सीख देती है जिसके बारे में आज हम विचार करने वाले हैं:-
स्वामी विवेकानंद के महान विचार( swami vivekanand ke anmol vachan) :-
1) ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
2) उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। - स्वामी विवेकानंद
3)
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो। - स्वामी विवेकानंद
4) किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। - स्वामी विवेकानंद
5) विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं। - स्वामी विवेकानंद
6) ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारे अंदर है।वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। - Swami vivekanand
7) सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा। - Swami vivekanand
8) तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है। - Swami vivekanand
9) शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं। - - Swami vivekanand
10)
जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु ,आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है। – स्वामी विवेकानंद
11) संभव की सीमा को जानने का सबसे उत्तम तरीका है ,असंभव की सीमा से आगे निकल जाओ। – स्वामी विवेकानंद
12) हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। – स्वामी विवेकानंद
13) जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान सा लगता है परन्तु आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है। – स्वामी विवेकानंद
14) यह कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। यदि पाप है, तो यह एकमात्र पाप है, यह कहना कि आप कमजोर हैं, या अन्य कमजोर हैं। – स्वामी विवेकानंद
15)हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को अपने उच्चतम विचार को जीने के लिए संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करें, और साथ ही आदर्श को सत्य के जितना संभव हो सके बनाने के लिए प्रयास करें। – स्वामी विवेकानंद
16) समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है। – स्वामी विवेकानंद
17) अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे। – स्वामी विवेकानंद
18) एक रास्ता खोजो।
उस पर विचार करो।
उस विचार को अपना जीवन बना लो।
उसके बारे में सोचो।
उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो।
मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो।
और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है।
– स्वामी विवेकानंद
19)“प्रत्येक कार्य को इन चरणों से गुजरना पड़ता है – उपहास, विरोध और फिर स्वीकृति। जो लोग अपने समय से पहले सोचते हैं, उन्हें गलत समझा जाता है। ” - Swami Vivekananda
20) चिंतन करो, चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो। – स्वामी विवेकानंद
21)“मानव मन की शक्ति की कोई सीमा नहीं है। जितना अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है उतना ही अधिक शक्ति को एक बिंदु पर सहन करने के लिए लाया जाता है ” - Swami Vivekananda
22) बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए, कभी भी ऊंची छलांग मत लगाओ। धीरे धीर शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते रहो। – स्वामी विवेकानंद
23) मनुष्य की सेवा ही भगवान की सेवा है। – स्वामी विवेकानंद
24)दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे। – स्वामी विवेकानंद
25) हजारों ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। – स्वामी विवेकानंद
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